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Dar kee Daraavanee Sachchee Kahaaniyaan (Ghost True Hindi Stories )

मुसाफिर सच्ची भूतिया कहानी| Musafir True Haunting Story

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मुसाफिर सच्ची घटना पर आधारित भूतिया कहानी|  आज मैं एक लंबे सफर पर जा रहा हूं|   वैसे मेरा ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है गाड़ियों का एक शहर से दूसरे शहर आना जाना लगा रहता है नमस्कार मैं आपका दोस्त अनिल कुमार मेरा यह सफर हैदराबाद से शुरू होकर मद्रास और बेंगलुरु होते हुए केरला फिर बेंगलुरु और हैदराबाद आना था| तकरीबन हफ्ता 10 दिन मकर शंकर रात्रि का त्यौहार था| जो दक्षिण भारत में यानी के चेन्नई मैं काफी बड़ा त्यौहार माना जाता है| मुझे भी फिर त्योहार के समय अपने घर लौट आना था| मेरे बड़े गाड़ी ट्रक जब घर और ऑफिस के सामान या अलग-अलग शहर में पहुंचाते थे| मेरी गाड़ी का ड्राइवर और क्लीनर मद्रास और आंध्र प्रदेश के थे|  त्यौहार के मौके पर छुट्टी लेना चाहते थे मैं अपना कारोबार बंद नहीं कर सकता था| मैं आज बस से मद्रास होते हुए केरला और बेंगलुरु पहुंचा हूं आज मैं अपनी गाड़ी  ( कंटेनर ) ट्रक खुद चला कर हैदराबाद आ रहा था इलेक्ट्रॉनिक्स सामान काफी रात हो चुकी थी  बेंगलुरु से में तकरीबन श्याम के 5:00 बजे अपनी ट्रक लेकर निकला था हैदराबाद के लिए काफी रात हो चु...

बंजारन शांतम्मा की डर और खौफ की कहानी.

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बंजारन शांतम्मा की डर और खौफ की कहानी | (नमस्कार मैं आपका दोस्त अनिल कुमार नानवारे)  डर की और खौफ एक बंजारन शांतम्मा की कहानी |आपके साथ साझा करूंगा | यह कहानी तेलंगाना के शहर हैदराबाद की है| कहा जाता है | कि शांतम्मा अपने खेत में उगे हुए अमरूद, मक्का, अंगूर, और कई प्रकार के फल फूल भेजा करती थी | शांतम्मा का पति दिन भर अपने खेत में फल फूल सब्जी हो गया करता था| और शांतम्मा घर के काम निपटने के बाद अपने खेत में हुए हुए फल सब्जी इत्यादि रेलगाड़ी से बेचने के लिए हैदराबाद आया जाया करती थी | शांतम्मा बहुत आकर्षित दिखने में सावला रंग सुशील समझदार थी |  (  शांतम्मा ) जिस ट्रेन से शांता माया जाया करती थी उस ट्रेन में जो भी एक नजर शांतम्मा को देख लेता वह उसका दीवाना हो जाता | लोगों को शांतम्मा की आने की खबर उसके पायल से पता चल जाता था | पैरों में पायल की छम छम छम की आवाज दूर से सुनाई देती थी| इससे लोगों को पता चल जाता था कि सैंतामा आ रही है| शांतम्मा लोगों की नजर को भली-भांति समझती थी और काफी समझदारी के साथ फल फूल सब्जी बेचा करती थी | शांतम्मा को लोग आंखे...